पूरे शरीर की सूजन, बॉडी की सूजन कैसे कम करें

पूरे शरीर की सूजन
पूरे शरीर की सूजन

पूरे शरीर की सूजन :- आज के पढ़े लिखे दौर में बहुत से लोग डॉक्टर की अहमियत को नहीं समझते बल्कि खुद ही डॉक्टर का काम करने लग जाते हैं, जिसकी वजह से कई बार कुछ दवाएं प्रतिकूल असर दिखा देतीं हैं। और जब कोई दवा अपना उल्टा असर दिखाती है तो कई तरह की परेसनियाँ उत्पन्न हो जातीं हैं जिसमें से एक शरीर में सूजन भी होती है। किसी भी अनुपयोगी दवा के दुरपयोग से कभी कभी ह्रदय, लीवर, गुर्दा या किडनी आदि के विकारों के कारण शरीर के किसी एक हिस्से या पूरे शरीर पर सूजन हो जाती है।

पूरे शरीर की सूजन के कारण:

समूचे शरीर की सूजन के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –

  • जो व्यक्ति अत्यधिक नमक का सेवन करते हैं उनको शारीरिक सूजन का सामना करना पड़ सकता है।
  • जिन लोगों में अनीमिया की सिकायत या खून की कमी होती है उन्हें इस तरह की परेशानी होना लाजमी होता है।
  • किसी दवाई के लगातार प्रयोग करने या गलत तरीके से सेवन करने के कारण भी सूजन की समस्या आ जाती है।
  • यदि स्त्री गर्भवती हो तो उसके कारण भी इस तरह की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • कभी कभी ह्रदय, लीवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों में से किसी एक में भी कोई प्रॉब्लम होने के कारण भी पूरे शरीर में सूजन आ जाती है।
  • सरसों के तेल में सत्यानासी के बीजों के तेल के मिश्रण के कारण ही ड्रोप्सी होती है। इसकी मिलावट की मात्रा अत्यधिक होने पर इसका सेवन जानलेवा हो जाता है।

पूरे शरीर की सूजन के लक्षण:

  • इस बीमारी में कभी कभी पूरा शरीर गुब्बारे की तरह सूज जाता है और यदि सूजी हुयी जगह को ऊँगली से दबाया जाये तो उस जगह पर गड्ढा बन जाता है और ऊँगली हटा लेने के थोड़ी देर बाद वह गड्ढा भर जाता है।
  • सूजन वाली जगह की त्वचा का रंग फीका पड़ जाता है और वहाँ हाथ रखने से ऐसा लगता है जैसे वह जगह ठंडी हो।
  • कभी कभी सूजन इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि शरीर की त्वचा भी फट सी जाती है।
  • कुछ रोगियों को जुलाव की समस्या हो जाती है और समूची पाचन क्रिया बिगड़ जाती है।
  • ऐसे रोगियों को घबराहट और बैचैनी जैसी समस्या भी होती है।
  • रोगी के शरीर पर सूजन होने के कारण उसे चलने फिरने में बहुत कठिनाई महशूश होती है।
  • ऐसे रोगी को स्वांस लेने में भी तकलीफ देखने को मिलती है।

आरजीमोन का विषैला तत्व सैक्वीनेरीन है। इसके सेवन करने से रक्तवाहिनियों की परमिएबिलिरी बढ़ जाती है तथा अन्तःकोशीय जल की मात्रा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से ह्रदय, फेफड़े, जिगर, गुर्दे एवं आँखों के पर्दों पर सूजन आ जाती है इसके साथ ही ह्रदय की पेशियों में ढीलापन आ जाता है।

इस स्थिति में म्रत्यु का कारण ह्रदय का काम करना बंद कर देना होता है। इसका कोई भी एंटीडॉट नहीं है। मरीज के लक्षणों के आधार पर विशेषज्ञों की देखरेख में उपचार किया जाता है।

जिन लोगों में सरसों के तेल में मिलावट के कारण लक्षण पैदा होते हैं उनके शरीर के कई अंगों में विकृति आ सकती है। इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले अंग लीवर, गुर्दे एवं आँखें होतीं हैं।

इसके लक्षण निम्न प्रकार हैं –

  • रोगी के शरीर पर सूजन आ जाती है और शरीर में पानी भर जाता है।
  • रोगी की आँखों में दर्द बना रहता है।
  • ऐसे रोगी की स्वांस फूलने लगती है जिसकी वजह से उसे बहुत ज्यादा तकलीफ होती है।
  • ऐसे मरीज को उल्टी और दस्त की समस्या भी होने लगती है।
  • हाथ पैरों में बिना कारण के दर्द होने लगता है।
  • पैरों में सूजन आ जाती है जो टहलने के बाद और ज्यादा बढ़ जाती है।
  • इस तरह के रोगी को भूख न लगने की समस्या भी बनी रहती है।

पूरे शरीर की सूजन कम करने के लिए आयुर्वेदिक दवा :

शरीर की सूजन दूर करने के चमत्कारी उपाय || Swami Ramdev - YouTube

यहाँ पर में आपको दो तरह की आयुर्वेदिक दवाई के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसमें एक टेबलेट और दूसरा सीरप है, इन दोनों में से किसी एक का प्रयोग इस रोग को नष्ट करने के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

पूरे शरीर की सूजन के लिए टेबलेट –

टेबलेट Nameनिर्माता कंपनीसेवन विधि
 सुबाइगो (Subaigo) एमिल एक एक गोली दिन में तीन बार भोजन करने के बाद ताजा पानी के साथ।
 लीरोन-88 (Leron-88) यूनाइटेड खाना खाने के बाद एक एक गोली दिन में दो बार ठंडे पानी के साथ।
 ओरुक्लिन (Oruclyn) चरक ताजे पानी से एक एक गोली दिन में दो बार आहार सेवन करने के बाद।
पूरे शरीर की सूजन

पूरे शरीर की सूजन के लिए सीरप –

Syrup Nameनिर्माता कंपनीसेवन विधि
 जे. पी. लिव (J. P. Liv) जमनाआधा आधा चम्मच दिन में तीन बार सुबह दोपहर शाम।
 नीरी (Neeri) एमिल दो दो चम्मच दिन में दो बार खाना खाने के उपरांत।
 स्टोनेक्स (Stonex) भारतीय एक एक चम्मच दिन में तीन बार आहार लेने के बाद।
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पूरे शरीर की सूजन होने पर क्या खाएं और क्या न खायें परहेज:

  • ऐसे रोगी को भरपूर प्रोटीन युक्त भोजन लेने की आवश्यकता होती है इसलिए जितना हो सके प्रोटीन वाला आहार सेवन करना चाहिए।
  • आहार में कच्चे पदार्थों का सेवन करना अत्यंत हितकारी होता है।
  • ऐसे द्रव्यों का सेवन करना लाभकारी होता है जो लवण और जल का निष्कासन कर सकें।
  • ऐसे रोगी को गेंहूँ का फुलकी, गाय का दूध, सेब, संतरा, मौसम्मी, अंगूर, किसमिस, पालक, बथुआ, परवल के पत्तों का साग, शलजम, करेला, गेंहूँ का दलिया, अंजीर, पका हुआ पपीता और कच्चे पपीते की सब्जी इत्यादि सेवन करना अत्यंत लाभकारी होता है।
  • रोगी को एक दिन में 10-15 गिलास पानी अच्छी तरह उबालकर सेवन करना चाहिए जिससे अच्छी तरह खुलकर पेसाब आये।
  • पालक की भुजिया, बथुआ की भुजिया, मूली की पत्तों की भुजिया या इसके साग दिन में एक से दो बार सेवन करना चाहिए क्योंकि यह सभी साग सब्जियाँ शोफ निवारक होती हैं।
  • ऐसे रोगी को नमक का प्रयोग करना बिल्कुल बंद कर देना चाहिए।
  • नमक से बनी हुयी चीजें नमकीन इत्यादि का भी सेवन करना वर्जित होता है।
  • ऐसे मरीज को गरिष्ठ भोजन और घी तेल युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • बैंगन, मिर्च मशाला, मैंदा, माँस, तेल, खटाई, मिठाई, फास्ट फूड इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।

CONCLUSION आज हमने क्या सिखा

यदि आपको आज के हमारे इस पोस्ट पूरे शरीर की सूजन पढ़ने में कहीं पर भी कोई भी समस्या आई है या फिर आप हमें इस पोस्ट से संबंधित कोई भी सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। हम इसका जल्द से जल्द रिप्लाई देने की कोशिश करेंगे।

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