मुंह में छाले का उपचार। मुंह के छाले की अंग्रेजी दवा का नाम

मुंह के छाले

मुंह के छाले की अंग्रेजी दवा का बारे में बात करने से पहले हमें यह जान लेना जरूरी है कि मुंह के छाले क्या हैं और इनके होने का करण क्या हैं। हम इस लेख में आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

मुंह के छाले क्यों होते हैं? (What is Mouth Ulcer in Hindi?)

मुंह के छाले एक बहुत ही आम समस्या है, जो कई लोगों को उनके जीवन में कभी न कभी प्रभावित करती हैं, मुंह के छाले आपके होंठ, गाल, मसूड़े, और जीभ कहीं पर भी हो सकते हैं। यह छाले एक या एक से अधिक हो सकते हैं ये 5 मिमी से बड़े नहीं होते हैं देखने पर यह बीच में से सफेद या पीले रंग के होते हैं और इनके चारों तरफ लाल बॉर्डर बना रहता है, यह खाना खाते और बोलते समय काफी परेशान करते हैं। 

ज़्यादातर जीभ के छाले या मुंह के छाले किसी चोट या खाना खाते समय दांत से गाल या जीभ कटने के कारण होते हैं, वैसे तो यह छाले एक से दो सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाते हैं, यदि यह तीन सप्ताह से ज़्यादा देर तक ठीक नहीं होते तो यह किसी अन्य गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।

मुंह के छालों को इंग्लिश में कई अलग-अलग नाम से जाना जाता है जैसे कि- Mouth ulcer, Canker sores और Aphthous ulcer.

मुंह में छालों के लक्षण क्या होते हैं? (Causes of Mouth Ulcer)

मुंह के छाले आपकी गाल, जीभ, या होंठ के अंदर बाले भाग में होते हैं, इनका सबसे आम लक्षण हैं घाव में जलन और चुभन जैसा दर्द होना। यह छाले दिखने में गोल अंदर से सफ़ेद या पीले रंग के होते हैं और इनका गोल घेरा लाल रंग का होता है।

  • इन छालों में आपको हल्का-हल्का चुभन वाला दर्द मेहसूस होता रहता है।
  • मुंह में छाले होने के कारण अक्सर आपको बोलने में, खाने में और निगलने में कठिनाई होती है।
  • नमकीन, मसालेदार या खट्टे खाद्य पदार्थों से मुंह के छालों में जलन मेहसूस होती है।
  • मुंह के अन्दर घाव के आसपास कि त्वचा में सूजन और अकड़न के कारण आपको दाँत ब्रश करने में समस्या होती है।
  • मुंह में छाले होने की वजह से आपके लिंफ नोड्स में भी सूजन आ सकती है।

इसके अलावा यदि आपको मुंह के छालों की वजह से भुखार आए या छालों का आकार ज़्यादा बड़ने लगे और आगे फैलने लगे तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए क्योंकि यह कोई सीरियस इन्फेक्शन या कोई और बिमारी का संकेत हो सकता है।

मुंह में छाले होने के कारण क्या है?

मुंह के छाले कई कारणों से हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

टूथब्रश से चोट लगना :- हम जब ब्रश करते हैं तो कई बार गलती से ब्रश फिसल कर गाल के अंदरूनी हिस्से को चोट पहुंचा देता है और मुंह में एक छोटा सा घाव हो जाता है।

  • नुकीले और टूटे हुए दांतों की लगातार रगड़ की वजह से भी मुंह के छाले हो सकते हैं।
  • कभी – कभी खाना खाते समय हमारे दांतों से गाल की अंदरूनी त्वचा या जीभ कटने के कारण मुंह या जीभ के छाले हो जाते हैं।
  • गर्म खाने से मुंह जलने की वजह से मुंह के छाले हो सकते हैं।
  • यदि आप स्ट्रोंग माउथ वॉश का ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं तो आपको यह समस्या हो सकती है।
  • हर्पीज सिम्प्लेक्स जैसे वायरल संक्रमण के कारण छाले हो सकते हैं।
  • विटामिन या आयरन की कमी के कारण मुंह या जीभ में छाले हो सकते हैं।
  • इनके अलावा क्रोहन डिजीज या सीलिएक डिजीज जैसी पेट की बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं।

मुंह के छाले का उपचार (home remedies for mouth ulcer in hindi):

  • यदि मुँह में छाले दानों के रूप में हों या सिर्फ लालिमा हो दोनों ही कंडीशन में छालों पर ग्लिसरीन लगाना चाहिए इससे मुखपाक रोग में जल्दी आराम मिल जाता है।
  • जिस व्यक्ति के मुँह के छाले हो गए हों तो उसे दवा के रूप में अपने मुँह के अन्दर शहद लगाना चाहिए इसका प्रयोग दिन 5-8 बार करना चाहिए इससे छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं।
  • यदि एक गिलास पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर दिन 4-5 बार कुल्ला करने से तुरन्त आराम मिल जाता है इसे सबसे बढ़िया मुंह के छाले की दवा माना जाता है।
  • थोड़ा सा दही लीजिये और उसमें दो चम्मच शहद मिला लीजिये अब से धीरे धीरे थोड़ी देर तक चाटते रहिये ऐसा दिन 2-3 बार करने पर छालों में त्वरित लाभ मिलता है।

मुंह के छालों से बचाव कैसे करें?

इनसे बचाव करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:-

• ज़्यादा गर्म और मसालेदार भोजन से परहेज करें।

• सिगरेट, गुटका और तंबाकू का सेवन ना करें।

• रोज अपने मुंह और दातों की सफाई करें।

• हमेशा सॉफ्ट टूथब्रश का इस्तेमाल करें और हर दो महीनों में अपना टूथब्रश बदलें।

• सोडियम लॉरिल सल्फ़ेट युक्त माउथवॉश या टूथपेस्ट का इस्तेमाल ना करें।

मुंह के छाले का ईलाज

मुंह के छाले
मुंह के छाले

मुंह के छाले आमतौर पर कुछ ही दिनों में बिना किसी ईलाज के ही ठीक हो जाते हैं, अगर यह छाले ज़्यादा परेशानी पैदा करते हैं या दो सप्ताह से अधिक देर तक रहते हैं तो आपको इलाज की जरूरत पड़ सकती है। इसके इलाज में दर्द निवारक दवाएं, मल्टीविटामिन और एंटीमाइक्रोबियल माउथवॉश का उपयोग किया जाता है।

मुंह में छाले के लिए दवा

• Lidocaine या Benzocaine :- इन दवाइयों का उपयोग सीधे मुंह के छालों पर लगाकर दर्द को कम करने के लिए किया जाता है।

• Betadine gargle 2% :- यह जर्म्स को मारने वाला माउथवॉश है, इसे पानी में मिलाकर कुल्ला किया जाता है।

• Multivitamin & Vitamin B12 :- एक अध्ययन के अनुसार Vitamin B12 मुंह के छालों को ठीक करने में उपयोगी साबित हुआ है।

• NSAIDs :- दर्द और सूजन को कम करने के लिए नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) का इस्तेमाल किया जाता है।

मुंह के छालों की आयुर्वेदिक दवा

• Himalaya HiOra SG Gel, 10gm
• Himalaya Hiora Mouth Wash
• Patanjali Khadiradi vati

स्टोमेट (Stomet) – मोहता आयुर्वेदिक कंपनी द्वारा निर्मित इसकी एक एक टेबलेट सुबह शाम दिन में दो बार भोजन सेवन करने के बाद लेना चाहिए इससे तुरन्त आराम मिल जाता है।

हेमोप्लेक्स (Hemoplex) – डिशेन आयुर्वेदिक company द्वारा निर्मित इसकी एक एक गोली सुबह शाम दोनों time खाना खाने के बाद ले सकते हैं इससे भी छाले ठीक हो जाते हैं।

मेनोल (Menol) – इसे आप चरक कंपनी की ले सकते हैं और दिन दो बार सुबह और शाम एक एक गोली भोजन उपरांत ले सकते हैं इससे भी मुंह के छाले की प्रॉब्लम ठीक हो जाती है।

एक्रीमिन (Acremin) – इसे आप आर्या आयुर्वेदिक कंपनी का ले लीजिये और सुबह शाम दिन में दो बार खाना खाने के बाद एक एक टेबलेट सेवन करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।

अब में आपको देसी और आयुर्वेदिक दोनों तरह की मुंह में छाले की दवा के बारे में बता चुका हूँ खैर ये सब तो ठीक है लेकिन इन सब दवायों का लाभ सिर्फ तभी सही से लिया जा सकता है जब आप परहेज भी साथ में करें। तो चलिए मुंह के छाले के रोगी के लिए परहेज के बारे में जान लेते हैं।

चेतावनी:- ध्यान रखें इन दवाईयों के दुषपरिणाम घातक हो सकते हैं, इनका इस्तेमाल अपने डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें।

मुंह के छाले होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं:

  • जितना हो सके ऐसे रोगी को ज्यादा से ज्यादा गाय दूध का सेवन करना चाहिए।
  • शक्कर और चावल की खीर इस तरह के रोगी के लिए बहुत फायदेमंद होती है छोलो के समय खीर का सेवन अधिक करना चाहिए लेकिन ध्यान रहे इसके लिए गाय या बकरी का दूध होना चाहिए।
  • यदि गाय या बकरी का दूध उपलब्ध न हो तो डेरी का दूध और आइसक्रीम का सेवन किया जा सकता है।
  • यदि मुंह के छाले की प्रॉब्लम किसी बच्चे को हो तो उसे बकरी का दूध उसके थन से लगाकर पिलाना अति उत्तम माना जाता है।
  • यदि मरीज को प्यास लगे तो उसे ताजा छाछ का सेवन थोड़ी सी मिश्री डालकर पीना चाहिए। क्योंकि मठे को पीने से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है इसलिए ये मुंह के छाले के मरीज को आरामदायक होता है।
  • किसी भी तरह के तेल युक्त और मसालेदार भोजन का सेवन ऐसे रोगी को भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
  • गुटखा शराब तम्बाकू इत्यादि का सेवन करना मुंह के छाले के मरीज के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक होता है इसलिए इन चीजों के प्रयोग करने से बचना बहुत जरुरी है।
  • चाय कॉफी का सेवन भी करना उचित नहीं होता ऐसे माउथ अल्सर रोगी के लिए अतः इन चीजों से दूर रहें।

CONCLUSION आज हमने क्या सिखा

यदि आपको आज के हमारे इस पोस्ट  मुंह के छालों  पढ़ने में कहीं पर भी कोई भी समस्या आई है या फिर आप हमें इस पोस्ट से संबंधित कोई भी सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। हम इसका जल्द से जल्द रिप्लाई देने की कोशिश करेंगे।

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